मजदूर मछुआरों को भुखमरी से बचाने की मांग


सुलतानपुर। मोस्ट कल्याण संस्थान के निदेशक शिक्षक श्यामलाल निषाद "गुरुजी" ने जनपद सुलतानपुर के मजदूर मछुआरों को भुखमरी से निजात दिलाने के लिए जिलाधिकारी सुलतानपुर के माध्यम से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश के जिला सुलतानपुर के श्री सुरेश चन्द्र निवासी शफीपुर, शत्रुघ्न निषाद निवासी हयातनगर, राहुल निषाद निवासी हयातनगर, परमेश निषाद निवासी हयातनगर, दीपक कुमार निवासी वजूपुर, रामजी, सुरेश, संजय कुमार निषाद, शिवराम निवासी जगदीशपुर, सुदीप निवासी रामपुर, जितेन्द्र निवासी काछा भिटौरा, अनिल निषाद निवासी अमिलिया विसुई, अनीष निवासी कुम्हाई तिरक्षे, जितेन्द्र कुमार निषाद निवासी बरुआ उत्तरी, संजय कुमार निषाद, वीरेन्द्र कुमार निषाद, शिवराम, नन्हकू, विश्वनाथ, अमरनाथ, राजेन्द्र, सुनील, मुन्नन, जीतलाल, दिनेश व अन्य दर्जनों मजदूर मछुआरा पीड़ितों का आरोप है कि  महाराष्ट्र के ओरसवआ, कोलीबाड़ा, तहसील अलीबाग, जिला रायगढ़ में दैनिक मजदूरी पर गणेश अवाडी (नाकवा) के लिए मछली मारने का काम करते हैं, लॉक डाउन के दौरान मालिक गणेश अवाडी द्वारा मछली मारने वाले अपने उक्त मजदूरों को मजदूरी तथा भोजन व आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध न कराये जाने के कारण भुखमरी की कगार पर आ गए हैं। मजदूर मछुआरों की भयावह स्थिति से अवगत कराते हुए इन मछुआरा मजदूरों को मजदूरी एवं भोजन उपलब्ध कराने तथा उक्त मजदूरों के मालिक पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने की मांग की।
         मोस्ट निदेशक ने कहा कि जनपद सुलतानपुर से रोजी-रोटी के चक्कर में महाराष्ट्र गए विशेष रूप से मढ़, भाठी, ओरसवआ  आदि से मजदूर मछुआरों के सम्बन्ध में बेहद चिंताजनक सूचनाएं प्राप्त हो रही है। इसलिए महाराष्ट्र शासन को अविलम्ब ऐक्शन लेना चाहिए।