सुलतानपुर। मोस्ट कल्याण संस्थान के मीडिया प्रभारी अनिल कुमार निषाद ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (N.G.T.) के निर्देश के पालन के अनुक्रम में शासन द्वारा जारी आदेश पर लोकहित व नेचुरल जस्टिस की घोर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मोस्ट कल्याण संस्थान के जिला संयोजक ज़ीशान अहमद के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने जिला प्रशासन को अवगत कराया कि आदिकाल से अन्य जीव-जन्तुओं की भांति गोमती नदी तंत्र में सम्मिलित समुदाय के बसाव व उपयोग को अतिक्रमण घोषित कर नदी तट के दोनों तरफ 200 मीटर से वंचित करने वाले हिटलरशाही फरमान के क्रियान्वित होने से लाखों परिवार आवास व अन्न विहीन होकर फुटपाथ पर रहने और भीख माँगने के लिए बाध्य होने से गम्भीर स्थानीय संकट व अमानवीय दुष्परिणामों के शिकार हो जायेंगे।
नदी तंत्र का हिस्सा रहे समुदाय का अस्तित्व बचाने व मानवीय हितों की रक्षा के लिए दिनाँक 22-02-2020 के मोस्ट कल्याण संस्थान की मीटिंग में निर्णय लिया गया कि गोमती नदी तट के दोनों तरफ 200 मीटर की अपनी ही भूमि पर बसाव व उपयोग से वंचित करने वाले दमनकारी आदेश को लोकहित में किसी भी हालात में लागू नही होने दिया जाएगा तथा ऐसे किसी भी कानून को स्थगित/परिवर्तित कराने तक संघर्ष किया जाएगा।
यदि प्रशासन अस्तित्व मिटाने वाले उक्त आदेश को लागू कराने के लिए जोर-जबरदस्ती या दमन का सहारा लेता है तो हम पीड़ित/आहत/क्षुब्ध लाखों लोग शिक्षक श्यामलाल निषाद "गुरुजी" के नेतृत्व में आगामी दिनांक 6 जून, 2020 को सुबह 10 बजे सीताकुण्ड घाट, सुलतानपुर में जल समाधि लेने को बाध्य होंगे।
प्रशासन दमन का सहारा लिया तो लाखों की तादात में होंगे जल समाधि लेने को बाध्य