सुलतानपुर सरस्वती विद्या
मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुभाषचन्द्रबोसनगर, गोरखपुर के प्रधानाचार्य राजबिहारी विश्वकर्मा ने आज यहाँ वन्दना सभा में कहा कि विद्यार्थियों को अपनी जिज्ञासा मरने नहीं देनी चाहिए, यह उनके विकास का बहुत बड़ा हथियार है। यह जिज्ञासा उनके हमेशा बनी रहनी चाहिए।
सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय विवेकानन्दनगर, सुलतानपुर के दो दिवसीय वार्षिक निरीक्षण पर निरीक्षक टीम के एक सदस्य के रूप में श्री विश्वकर्मा ने वन्दना के भाव को अपनी जीवन में उतारने की सलाह देते हुए कहा कि संस्कार से मानवता बनती है, जिसमें मानवता होगी वहीं मानवता का त्रास हरेगा। इससे ही भारत जग का सिरमौर बनेगा। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वह विद्या भारती के उद्देश्य को ध्यान में रखकर अध्ययनरत रहे। इससे पहले क्षेत्रीय शैक्षिक प्रमुख सी.बी.एस.ई. डाॅ. लालता प्रसाद पाण्डेय ने 27वें नेशनल चिल्ड्रेंस साइंस कांग्रेस में विजेता आदित्य कुमार गौड व स0 विद्या मन्दिर व0मा0 विद्यालय माल्देपुर, बलिया के प्रधानाचार्य अरविन्द सिंह चैहान राष्ट्रीय प्रतियोगिता बिहार के भागलपुर में खेलने जा रहे टेबिल टेनिस के खिलाड़ियों को टैªक सूट वितरण कर प्रोत्साहित किया। विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य ओम प्रकाश सिंह, सूर्य प्रताप सिंह, महेन्द्र तिवारी, राज नारायण शर्मा व उपप्रधानाचार्य सभाजीत वर्मा ने निरीक्षकों व प्रधानाचार्य का अंगवस्त्रम व पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया। अतिथियों का परिचय प्रधानाचार्य राम सिंह ने कराया तथा संचालन वरिष्ठ आचार्य राज नारायण शर्मा ने किया। कार्यक्रम के बाद विद्यालय परिसर में आचार्या श्रद्धा सिंह के निर्देशन में कला वीथिका में बने आकर्षक रंगोली का अवलोकन कर विद्यार्थियों की सराहना की।
निरीक्षण के पहले दिन विद्या भारती से नियुक्त निरीक्षकों के अलावा जिले के दूसरे विद्यालयों से आमंत्रित विषय विशेषज्ञों में पूर्व प्राचार्य शेषमणि मिश्र, शमशेर बहादुर सिंह, आर.के. पाण्डेय, शैलेन्द्र चतुर्वेदी, महेश सिंह आदि विभिन्न विषयों की शिक्षण शैली व गुणवत्ता को परखा।
ज्ञात हो कि विद्या भारती की व्यवस्था के अनुसार वर्ष में एक बार प्रान्तीय व क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ प्रधानाचार्यगण व कार्यालय प्रमुख विद्यालयों के वार्षिक निरीक्षण करते हैं। जिसमंे सभी मिलकर सम्बन्धित विद्यालय के शैक्षिक गुणवत्ता, शैक्षिक स्तर व शैक्षिक वातावरण के साथ-साथ अभिलेखों के व्यवस्थितता, पूर्णता एवं विद्यालय परिसर में स्वच्छता, सज्जा, अध्यात्मिकता का अवलोकन करते हैं। वार्षिक निरीक्षण की रिर्पोट को निर्धारित प्रारूप पर तैयार करके क्षेत्रीय व प्रान्तीय समिति के अधिकारियों के साथ विद्यालय व्यवस्था को देख रहे प्रबन्ध समिति को भी दिया जाता है। इस रिपोर्ट पर विद्यालय अपनी व्यवस्थाओं में निरीक्षकों के सुझावों व अनुरोधों पर वर्ष भर काम करके सुधार करता है।
निरीक्षण के पहले दिन विद्या भारती से नियुक्त निरीक्षकों के अलावा जिले के दूसरे विद्यालयों से आमंत्रित विषय विशेषज्ञों में पूर्व प्राचार्य शेषमणि मिश्र, शमशेर बहादुर सिंह, आर.के. पाण्डेय, शैलेन्द्र चतुर्वेदी, महेश सिंह आदि विभिन्न विषयों की शिक्षण शैली व गुणवत्ता को परखा।
ज्ञात हो कि विद्या भारती की व्यवस्था के अनुसार वर्ष में एक बार प्रान्तीय व क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ प्रधानाचार्यगण व कार्यालय प्रमुख विद्यालयों के वार्षिक निरीक्षण करते हैं। जिसमंे सभी मिलकर सम्बन्धित विद्यालय के शैक्षिक गुणवत्ता, शैक्षिक स्तर व शैक्षिक वातावरण के साथ-साथ अभिलेखों के व्यवस्थितता, पूर्णता एवं विद्यालय परिसर में स्वच्छता, सज्जा, अध्यात्मिकता का अवलोकन करते हैं। वार्षिक निरीक्षण की रिर्पोट को निर्धारित प्रारूप पर तैयार करके क्षेत्रीय व प्रान्तीय समिति के अधिकारियों के साथ विद्यालय व्यवस्था को देख रहे प्रबन्ध समिति को भी दिया जाता है। इस रिपोर्ट पर विद्यालय अपनी व्यवस्थाओं में निरीक्षकों के सुझावों व अनुरोधों पर वर्ष भर काम करके सुधार करता है।